तेरी धड़कन ही ज़िंदगी का किस्सा है मेरा, तू ज़िंदगी का एक अहम् हिस्सा है मेरा, मेरी मोहब्बत तुझसे, सिर्फ़ लफ्जों की नहीं है, तेरी रूह से रूह तक का रिश्ता है मेरा..
एक शाम आती है तुम्हारी याद लेकर, एक शाम जाती है तुम्हारी याद देकर, पर मुझे तो उस शाम का इंतेज़ार है, जो आए तुम्हे अपने साथ लेकर..
मोहब्बत में किसी का इंतज़ार न करना, गर हो सके तो किसी से प्यार न करना, कुछ नहीं मिलता किसी से मोहब्बत करके, खुद की ज़िन्दगी इस पर बेकार मत करना।
दिल्लगी थी उसे हम से मोहब्बत कब थी, महफिले गैर से उस को फुरसत कब थी, कहते तो हम मोहब्बत में फ़ना हो जाते, उसके वादों में पर वो हकीकत कहाँ थी।
सिर्फ इशारों में होती महोब्बत अगर, इन अलफाजों को खुबसूरती कौन देता? बस पत्थर बन के रह जाता ‘ताज महल’ अगर इश्क इसे अपनी पहचान ना देता..
सितम सह कर भी कितने गम छिपाए हमने, तेरी खातिर हर दिन आँसू बहाए हमने, तू छोड़ गया जहाँ हमे राहों में अकेला, तेरे दिए जखम हर एक से छिपाए हमने।
आँसू आ जाते हैं रोने से पहले, ख्वाब टूट जाते हैं सोने से पहले, लोग कहते हैं मोहब्बत गुनाह है, कोई रोक लेता इसे होने से पहले।
तरस गए हैं थोरी सी वफ़ा के लिए, किसी से प्यार न करेंगे खुदा के लिए, जब भी लगती है इश्क कि अदालत, हम ही चुने जाते हैं सज़ा के लिए।
तरस गए हैं थोड़ी सी वफ़ा के लिए, किसी से प्यार न करेंगे खुदा के लिए, जब भी लगती है इश्क की अदालत, हम ही चुने जाते हैं सजा के लिए।
ऐसी कर दी है तू ने मेरी हालत सनम, दिल के जख्म किसी को दिखा न पाउँगा, तुझसे किया है वादा तभी मजबूर हूँ, इसी लिए खुद को मैं मिटा न पाउँगा।
वो याद आये भुलाते भुलाते, दिल के ज़ख्म उभर आये छुपाते छुपाते, सीखा था जिसे देख के मुस्कुराना, उसी ने आज रुलाया हँसाते हँसाते।